मेरा गुप्त जीवन-56
जैसे ही मैं कॉलेज से वापस आया कम्मो मुझको मेरे कमर…
धोबी घाट पर माँ और मैं -10
मुझे तो ज़ल्दी से माँ के साथ सोने की हड़बड़ी थी कि कै…
सैक्स टूर में गाण्ड मरवाई
बस काफी तेज रफ्तार से जयपुर की तरफ जा रही थी, उसकी…
मेरा गुप्त जीवन-59
शाम को घर पहुंचा तो विनी बैठक में मिल गई और बोली-…
एक भाई की वासना -35
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. थोड़ा सा …
मेरे लण्ड का नसीब -2
मुझे बहुत दोस्तों के मेल मिले, आपके प्यार का बहुत आ…
नयना और दीप्ति संग वासना का खेल -3
अब तक आपने पढ़ा.. मैं उसके नंगे बदन का मज़ा ले रहा …
अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-2
लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…
माँ बहन संग चूत चुदाई -7
तभी दीदी की नज़र मेरे खड़े लंड पर पड़ी तो वो चौंक कर…
मेरा गुप्त जीवन- 17
यह प्रसंग कोई 10 मिन्ट तक चला और तब तक बिंदू की झिझ…