काशीरा-लैला -3
चाची ने मुझे सीने से लगा लिया और थपथपा कर छोटे बच्…
नव वर्ष की पूर्व संध्या-1
प्रेषिका : शालिनी नए साल की पूर्व संध्या पर मैं अकेल…
काशीरा-लैला -2
‘दुआ से काम नहीं चलेगा चचाजी। इमरान को माल चाहिये…
एक विचित्र चुदाई
मैंने शायद अपनी किसी कहानी में जिक्र किया भी है कि…
काशीरा-लैला -4
“वाह.. भतीजे के लाड़ दुलार चल रहे हैं, उसे मलाई खि…
माशूका की सहेली
मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ, मैंने बहुत…
विदुषी की विनिमय-लीला-3
लेखक : लीलाधर मिलने के प्रश्न पर मैं चाहती थी पहले…
तेरी याद साथ है-19
प्रेषक : सोनू चौधरी “प्लीज जान…अपने हाथ ऊपर करो और …
अजनबी संग मजा चुत चुदाई का
दोस्तो… आपकी शालिनी राठौर आपके लिए एक बार फिर से अ…
हुई चौड़ी चने के खेत में -4
लेखक : प्रेम गुरु प्रेषिका : स्लिमसीमा (सीमा भारद्वाज…