दोपहर में पूजा का मजा-4
“क्या चूत के बाल साफ कर रही थी जो कट गई?” “ह हाँ भ…
ट्रेन में चार से गाण्ड मरवाई
लेखक : सनी मैं अन्तर्वासना का आभारी हूँ कि इसमें अब…
रेल गाड़ी में 69
नमस्कार…मैं एक बहुत ही हंसमुख स्वभाव का पढ़ा लिखा इन्…
ससुराल जाते रंग दिखाने लगी-2
प्रेषिका : शोभा ननदोई जी ने पीछे से मुझे बाँहों मे…
तेरी याद साथ है-8
प्रेषक : सोनू चौधरी मैंने अपनी हथेली को उसके जांघो…
मैं भ्रम में रह गया-2
प्रेषक : जितेन्द्र कुमार हाय, मैं जितेन्द्र एक बार फिर…
रद्दीवाला और उसका साथी
प्रेषक : गाण्डू सनी शर्मा पाठकों के लण्ड को स्पर्श करते…
चाँदनी चौक की तंग गलियों में
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैं 24 वर्षीय जव…
तेरी याद साथ है-6
प्रेषक : सोनू चौधरी अपने कमरे में पहुँचा और कपड़े ब…
आधी अधूरी सुहागरात
प्रेषिका : राबिया पिछले महीने 19 जनवरी की रात जीजी…