जीजू ने बहुत रुलाया-3

प्रेषिका : मेघना सिंह मुझे उत्तेजना की वजह से पेशाब…

चरित्र बदलाव-6

अगले दिन सुबह 7 बजे मेरे कमरे का दरवाजा बजा, मैंन…

जीजू ने बहुत रुलाया-2

प्रेषिका : मेघना सिंह दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थ…

मेरा दोस्त और उसकी बहन-2

दोस्तो, आप सभी लोगों ने मेरी कहानी मेरा दोस्त और उस…

बेचैन निगाहें-2

बेचैन निगाहें-1 जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो दिल…

मेरे जीजू और देवर ने खेली होली-2

कहानी का पिछला भाग: मेरे जीजू और देवर ने खेली होल…

जागी सी सोई सोई !-2

प्रेषक : गुल्लू जोशी मुझे ही बहुत ही आसक्ति से देख र…

चरित्र बदलाव-7

रात को करीब 11 बजे दरवाजे की घण्टी बजी और जब मैंने…

दूसरी सुहागरात-2

प्रेम गुरु की कलम से… सम्पादन सहयोगिनी : स्लिम सीमा …

अतुलित आनन्द-3

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हम दोनों ने साथ खाना खाया, खान…