तीन पत्ती गुलाब-4
इस भयंकर प्रेमयुद्ध के बाद सुबह उठने में देर तो होन…
तीन पत्ती गुलाब-6
मधुर आज खुश नज़र आ रही थी। मुझे लगता है आज मधुर ने…
वीर्यदान महादान-1
मित्रो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक व लेखक हूँ, च…
तीन पत्ती गुलाब-7
इस वाक्य का अर्थ मेरी समझ में नहीं आ रहा था। पता नह…
तीन पत्ती गुलाब-8
रात को देरी से नींद आई तो सुबह उठने में भी देरी ह…
तीन पत्ती गुलाब-5
ये साली नौकरी भी जिन्दगी के लिए फजीता ही है। यह अज…
टी वी की सुधराई
प्रेषक : अतुल अग्रवाल अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ने के…
तीन पत्ती गुलाब-9
गौरी को उसके घर के पास ड्राप करने के बाद ऑफिस जाते…
सेक्स के तीन रंग
दोस्तो, मैं दिल्ली में रहती हूँ, शादीशुदा हूँ। मेरे…
एक थी वसुंधरा-1
बहुत दिनों बाद मैं आप का अपना राजवीर एक बार फिर स…