मेरा गुप्त जीवन- 148
सलोनी और रूही के जाते ही टेलीफ़ोन की घंटी बज पड़ी, …
छोटे लंड की दास्तान
मैं हूँ शरद चोपड़ा … मेरी पहली कहानी श्रीनगर की लड़क…
मेरा गुप्त जीवन- 189
पम्मी की आँखें एकदम विस्फारित हुई पड़ी थी, वो डरते ह…
जो भी करना है, कर डालो !
मैं यहाँ पहली बार अपनी आपबीती बताने जा रही हूँ जब…
मेरा गुप्त जीवन- 126
कम्मो हंस के बोली- वाह छोटे मालिक, आप और आपका यह ल…
मेरा गुप्त जीवन- 129
थोड़ी देर में दोनों मैडम आ गई, आते ही दोनों ने मुझ…
मेरा गुप्त जीवन- 127
पेशाब करने वाली लड़कियों में मुझको ज़ूबी भी दिखाई द…
ज़िन्दगी के अजीब रंग
मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी …
हसीना की चूत में पसीना
मेरा नाम आर्यन है, मैं मोरादाबाद में रहता हूँ। मेर…
मेरा गुप्त जीवन- 179
नंदा भाभी की जम कर चुदाई करने के बाद हम सब थक हार…