एक चूत में दो लौड़े

नमस्ते दोस्तो, मैं गुड्डू इलाहाबाद का रहने वाला हूँ।…

मेरी चालू बीवी-127

मैंने फिर से पोजीशन लेकर इस बार पूरा लण्ड उसकी चूत…

मेरी चालू बीवी-128

मैं- तुम्हें कुछ पता है? बिल्कुल मूर्ख हो तुम… ऐसे ह…

शेर का पुनः शिकार-1

लेखक : मुकेश कुमार आपने अन्तर्वासना पर मेरी कहानी ‘…

मेरा गुप्त जीवन -61

रात को कम्मो से सोने से पहले मैंने बात की, मैंने उ…

मेरी चालू बीवी-126

आह्ह… आआह्हा आआआ उउउउउह… और मेरा लण्ड गप्प्क की आवाज क…

मेरा गुप्त जीवन -60

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए और हम सिर्फ कम्मो, पारो और मै…

मेरा गुप्त जीवन-63

शाम को मम्मी का फ़ोन आया कि दूर के रिश्ते में पापा क…

मेरा गुप्त जीवन -62

दो दिन बाद जब मैं कॉलेज से घर आया तो कम्मो ने बताय…

मेरी चालू बीवी-107

सम्पादक – इमरान फिर ऐसे ही मस्ती करते हुए हम शादी व…