मेरा गुप्त जीवन- 158

ये बातें चल ही रही थी कि कमरे का दरवाज़ा फिर एक झट…

ज़िन्दगी के अजीब रंग

मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी …

मेरा गुप्त जीवन- 157

रश्मि मुझ को सचमुच हैरानी से देख रही थी और उसकी आँ…

इत्तफाक से मिली चूत

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम.…

मेरा गुप्त जीवन- 155

मैंने धीरे धीरे लंड को नैंसी की चूत के अंदर बाहर …

जन्म दिन का तोहफ़ा-3

दोस्तो, मैं अपनी क्लाइंट लिंडा के कहने पर मैं उसकी …

मेरा गुप्त जीवन- 160

सिनेमा हाल से बाहर आने पर पूनम ने यह सब भांप लिया…

मेरा गुप्त जीवन- 186

मौसी की बेटी के साथ शादी की बात सुन कर मौसी नकली …

मेरा गुप्त जीवन- 159

‘लंड के भाग से चूत वाली सलवार का नाड़ा टूटा…’ इसको…

मेरा गुप्त जीवन- 162

मैंने भी उसके मोटे चूतड़ों को हल्के से मसल दिया और …